हम किधर जा रहे है और क्यू जा रहे है,
इंसानियत मर रही और हम जिए जा रहे है...
हैवानियत कूट कूट कर भरी हम में,
बक्ष नही रहे मासूम बच्चो को भी, और खुदा का नाम लिए जा रहे है...
क्या छुट रहा जो हम यूँ भागे जा रहे है....
क्या उठाने में लगे है कि इतना गिरते जा रहे है...
है गर तू 'खुदा' कहीं भी, बैठा क्यू चुप है,
मेरी तरह बहुत से 'काफिर' तुजसे ये पूछे जा रहे...
#सीरिया
इंसानियत मर रही और हम जिए जा रहे है...
हैवानियत कूट कूट कर भरी हम में,
बक्ष नही रहे मासूम बच्चो को भी, और खुदा का नाम लिए जा रहे है...
क्या छुट रहा जो हम यूँ भागे जा रहे है....
क्या उठाने में लगे है कि इतना गिरते जा रहे है...
है गर तू 'खुदा' कहीं भी, बैठा क्यू चुप है,
मेरी तरह बहुत से 'काफिर' तुजसे ये पूछे जा रहे...
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